इश्क मना रहे हैं!

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देखो जी, आंखो में प्यार से फिर लगा कि, ये दिल जला रहे हैं गम हद पार कर सारी, खंजर बोकर, इश्क मना रहे हैं। मोहब्बत की बातें सारी झूठी हैं ...

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